28 मार्च 2013

प्रेम दिवानी नागिन

यह न तो किसी फिल्म की कहानी है और न ही कोई किस्सा। लेकिन जिस किसी ने इस अजीब दास्तान को सुना वही इसे देखने के लिए भागा चला आया। जहां मायावादी जमाने में आदमी ही आदमी का दुश्मन है वहीं जानवरों व पशु पक्षियों में एक दूसरे के लिए स्नेह भरा हुआ है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण इस मामले में नजर आ रहा है। नाग और नागिन की इस प्रेम कहानी को जिसने भी अपनी आंखों से देखा तो विश्वास नहीं कर सका। ड्रेन के गड्ढे में दो फुट का नाग मरा पड़ा था और उसके मृत शरीर से लिपटी थी नागिन। वह दो दिन से नाग की देह के पास उसकी मौत पर विलाप कर रही है। मिट्टी के रंग की नागिन नाग के शरीर के पास फन फैला कर बैठ गई। वह कभी वहां चक्कर लगाती तो कभी उसके शरीर से लिपट जाती। जब नाग को छेड़ा जाता तो वह फन उठा कर विरोध जताती। जिसने भी इस घटना को सुना वह मौके पर पहुंच गया। देखते ही देखते वहां महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। लोगों का प्रयास था कि नागिन को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे और वह पास के जंगल में चली जाए। इसके बाद में वे मृत नाग को दफन कर देंगे। लेकिन अगर अब वे नागिन के रहते ओअह नाग को हटाते हैं तो नागिन उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है। 

यह घटना पंजाब में कैथल की है। पहली नजर में देखने पर लगता है कि दो सांप मरे पड़े हैं। नाग की लाश पर नागिन इस तरह चिपकी हुई कि उसके जिंदा रहने का एहसास नहीं हो रहा था। जब नाग को हिलाया गया तो नागिन ने गुस्से में अपना फन उठाया। इसके बाद वह नाग के चारों तरफ चक्कर लगा कर फिर उसी जगह आकर नाग के शरीर से लिपट गई। जब लोगों ने ये घटना देखा तो किताबों में पढ़ा व सुना अंधविश्वास फिर से जन्म लेने लगा। शनिवार को रूपनगर के रहने वाले एक युवक ने बताया कि किसी ने नाग को मार कर वहां फेंक दिया था। उसने पास में ही गड्ढा खोद कर उसे दफनाने का सोची। अमित कुमार, रणधीर व नरेश कुमार ने बताया कि नवरात्रों में नाग के इस तरह पड़े रहने को अशुभ समझा जाता है। गड्ढा खोदने के बाद लाठी से जैसे ही वे मृतक नाग को उठाने लगे तो उन्हें उसकी देह से लिपटी नागिन का अहसास हुआ। नाग को हिलाने से उसने क्रोध में फन उठाया तो युवक पीछे हट गए।

इस विषय में एक जीव विज्ञान प्रोफेसर का मत है कि नाग ऋतु क्रिया के समय गंध निकालते हैं। नागिन नाग से गंध मिलने के बाद उससे मेल करने के लिए नाग की खोज में चल पड़ती है। इसी बीच किसी ने नाग को मार दिया। जब वह उसके पास पहुंची तो प्रतिक्रिया का इंतजार करने लगी। नाग मर चुका है वह कोई हरकत नहीं करेगा। नागिन को जब गंध मिलनी बंद हो जाएगी तो वह अपने आप चली जाएगी। इस मौसम में नाग शीत निद्रा में जाने के प्रयास में होते है। आमतौर पर नाग वर्षा ऋतु में ही प्रजनन करते हैं। लेकिन कभी-कभी शीत ऋतु से पहले भी नाग क्रिया करते हैं।
साभार

10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बृहस्पतिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ...सादर!
    --
    होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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    1. चर्चा मंच मे शामिल कर हौसला बढ़ाने के लिए धन्यवाद

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  2. बहुत ही रोचक प्रस्तुति,आभार.होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  3. हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.बहुत शानदार भावसंयोजन .आपको बधाई.होली की हार्दिक शुभ कामना .


    ना शिकबा अब रहे कोई ,ना ही दुश्मनी पनपे
    गले अब मिल भी जाओं सब, कि आयी आज होली है

    प्रियतम क्या प्रिय क्या अब सभी रंगने को आतुर हैं
    हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है .

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  4. होली की हार्दिक शुभकामनाएं
    पधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...

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  5. रोचक प्रस्तुति
    आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  6. हौसला बढ़ाने के लिए धन्यवाद

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